एक सफल अयुर्वेद चिकित्सक के लक्षण- जब मै B.A.M.S. की पढ़ाई कर रहा था, तो उस समय मै कई चीजों को लेकर प्रायः भ्रमित रहता था। बीएएमएस का प्रथम सत्र अत्यन्त बोझिल एवं नान क्लीनिकल होने के कारण विज्ञान के विद्यार्थियों के लिये बहुत भारी गुजरता है। इससे निराश होकर बहुत से विद्यार्थी आयुर्वेद चिकित्सक बनने का विचार त्याग कर अन्य क्षेत्रों में ही कैरियर बनाने के लिये जा चुके होते हैं। त्रुटिपूर्ण व्यवस्था एवं अपने बोझिल पाठ्यक्रम के कारण आयुर्वेद प्रतिवर्ष अनेक प्रतिभायें खोता जा रहा है। एक ओर एलोपैथ की सीमायें और दुष्प्रभावों से पीड़ित दुनिया भर का रोगी आयुर्वेद की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है, वहीं दूसरी ओर ही आज का युवा और आयुर्वेद शिक्षित चिकित्सक आयुर्वेद से दूर भाग रहा है। मेरा मनना है कि मात्र 100 लोग भी प्रेरित होकर आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति गम्भीर हो सके तो विश्वास करें, कि ये 100 चिकित्सक ही आयुर्वेद को भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में एक नई दिशा दे सकते हैं। ये नियम इतने सरल और सहज हैं कि इनका पालन करना कोई कठिन कार्य नहीं है और इनका ...
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